Edited By : Rakesh Singh | Jun 13, 2025, 7:33:00 AM
Ahmedabad plan crash: अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 200 से अधिक की मौत हो चुकी है। यह हादसा पिछले एक दशक का सबसे बड़ा विमानन हादसा माना जा रहा है।
फ्लाइट ने दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद से उड़ान भरी थी, लेकिन टेकऑफ के तुरंत बाद ही विमान ने ‘मेडे’ कॉल भेजा। कुछ ही क्षणों बाद, लगभग 625 फीट की ऊंचाई पर विमान एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिर गया। यह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के इतिहास में पहली बार है जब इस मॉडल की किसी उड़ान में यात्रियों की मौत हुई है। इस विमान को 2011 से अब तक सबसे सुरक्षित विमानों में गिना जाता रहा है।
दुर्घटना के बाद प्राथमिकता विमान के ब्लैक बॉक्स की तलाश और उसके डेटा के विश्लेषण पर दी जा रही है। ‘ब्लैक बॉक्स’ नाम के बावजूद, ये दो नारंगी रंग के मजबूत उपकरण होते हैं। फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, जो विमान की ऊंचाई, गति, इंजन की स्थिति और तकनीकी क्रियाएं रिकॉर्ड करता है। वहीं कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, पायलटों की बातचीत, कंट्रोल टावर से संवाद और कॉकपिट की आवाजें रिकॉर्ड करता है।
नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) के अनुसार, ब्लैक बॉक्स में पिछले 25 घंटे की उड़ान से जुड़ा डेटा रिकॉर्ड होता है। अहमदाबाद हादसे में इस डेटा से यह स्पष्ट हो सकता है कि दुर्घटना का कारण तकनीकी खराबी, इंजन फेल होना, पायलट की चूक या अन्य कोई वजह रही।
विशेषज्ञों के अनुसार, टेकऑफ के तुरंत बाद ऊंचाई न बढ़ा पाने और ‘मेडे’ कॉल जैसी स्थिति में FDR से इंजन के प्रदर्शन और चेतावनी संकेतों की जानकारी मिलेगी, जबकि CVR पायलटों की कोशिशों और आपसी संवाद को उजागर करेगा। ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद इसे भारत की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) या किसी अंतरराष्ट्रीय प्रयोगशाला में भेजा जाता है। यदि डिवाइस क्षतिग्रस्त हो, तो उसकी मेमोरी को अलग कर सुरक्षित रूप से दूसरे सिस्टम में ट्रांसप्लांट किया जाता है।
जांचकर्ता उड़ान डेटा और ऑडियो को एक साझा टाइमलाइन में मिलाते हैं और एयर ट्रैफिक कंट्रोल रिकॉर्ड और रडार डाटा से तुलना करते हैं। अब तो 3D सिमुलेशन बनाकर विमान की अंतिम उड़ान का विज़ुअल विश्लेषण भी संभव हो गया है। अगर ब्लैक बॉक्स सही स्थिति में हो तो प्रारंभिक डेटा 2 से 4 सप्ताह में निकाला जा सकता है। यदि वह जल गया हो या टक्कर से क्षतिग्रस्त हो तो उसकी मरम्मत और सफाई में अधिक समय लग सकता है।
ICAO (अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन) के नियमों के अनुसार, प्रारंभिक रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर प्रकाशित की जानी चाहिए, लेकिन अंतिम रिपोर्ट आने में 12 से 24 महीने तक का समय लग सकता है। FAA के अनुसार, आधुनिक विमान हर सेकंड हजारों डेटा पॉइंट्स जनरेट करते हैं, जिनका अत्यंत सूक्ष्म विश्लेषण आवश्यक होता है। हालांकि, अमेरिकी NTSB की सहायता से भारतीय जांच टीम की प्रक्रिया तेज हो सकती है, लेकिन चूंकि यह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला बड़ा हादसा है, इसलिए इसकी जटिलताओं को समझने और विश्लेषण करने में अपेक्षाकृत अधिक समय लग सकता है।
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